यूपी के कई कुख्यात अपराधी यूपी पुलिस की टॉप 25 की सूची से बाहर हैं। यहां तक कि बदन सिंह बद्दो और आशु के नाम भी इस सूची में नहीं हैं, जबकि डीजीपी ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। अनेक हत्याओं और लूट का आरोपी बद्दो मेरठ में पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था और आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। मिर्ची गैंग के सरगना आशु पर भाजपा नेता की हत्या समेत पश्चिमी यूपी के थानों में कई मामले दर्ज हैं।
विगत मार्च में यूपी पुलिस की एक एजेंसी ने प्रदेश के टॉप 25 अपराधियों की सूची बनाई, लेकिन इसमें पूर्वी यूपी के कई अपराधियों के नाम नहीं हैं। नवंबर 2005 में प्रयागराज में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड के दो आरोपियों शहाबुद्दीन और अताउर्रहमान पर सीबीआई ने 2-2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है, लेकिन ये दोनों ही इस सूची में नहीं हैं। सीबीआई को 15 साल से इनकी तलाश है। मुजफ्फरनगर के हरीश बालियान पर दो लाख का इनाम है। उस पर लूट और हत्या के 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। चित्रकूट के गौरी यादव पर एक लाख का इनाम घोषित है। इन दोनों के नाम भी इस सूची में नहीं है।
मौजूदा सरकार के एक मंत्री पर दस साल पहले प्रयागराज में जानलेवा हमला करने वाला भी फिलहाल जेल से बाहर है। उस पर विभिन्न थानों में लगभग डेढ़ दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। जौनपुर, सुल्तानपुर, गोंडा, फैजाबाद में भी कई अपराधियों का इतिहास खतरनाक रहा है। हालांकि इनमें से अधिकतर ने राजनीतिक दल जॉइन कर रखा है, वहीं कुछ ने अपनी पार्टी ही बना रखी है । सोशल मीडिया पर वायरल हो रही टॉप 25 की सूची में मौजूद सभी अपराधी जेल के अंदर हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानपुर की घटना के बाद डीजीपी मुख्यालय जेल के बाहर के अपराधियों की अपडेटेड सूची तैयार कर रहा है।