वाराणसी. शिव की नगरी काशी में सावन का पहला सोमवार को स्थानीय प्रशासन द्वारा कोरोनावायरस के मद्देनजर जागरूकता एवं सतर्कता बरती जा रही है । हर वर्ष काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में हर साल लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।
लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार यहां आने वाले भक्तों की संख्या में काफी अंतर नजर आ रहा है। सोमवार सुबह से ही भक्तों का आना तो शुरू हुआ, लेकिन पिछली साल की तरह लोगों का हुजूम नहीं दिखाई दे रहा है। जो भी भक्त दर्शन को जा रहे हैं, मंदिर प्रशासन ने उनके लिए बैरिकेटिंग के अंदर ही रेड कार्पेट की व्यवस्था की है। इस बार सालों बाद 5 सोमवार सावन का लाभ भक्तों को मिलेगा। शुरुआत सोमवार से और समापन भी सोमवार से ही हो रहा है। बाबा के भक्त वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे हैं। पहले 2 -2 किमी लम्बी लाइन लग जाती थी लेकिन अभी ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
काशी के गंगा घाटों पर फोर्स की तैनाती की गई है ताकि लोग भीड़ इकठ्ठा कर गंगा स्नान को न पहुंचे। माइक में लगातार एनाउंस भी किया जा रहा है। दशाश्मेध और शीतल घर पर कुछ लोग स्नान करते दिखाई पड़े। लक्सा चौक गोदौलिया दशाश्मेध मार्ग बैरिकेटिंग से होकर ही भक्त मंदिर जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग कराकर उसमें रेड कार्पेट बिछाया गया है। अंदर सर्किट सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए गोल घेरे बनाए गए हैं ताकि लोग आसानी से उसका पालन कर सकें। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तीन अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए हैं।
भक्तों को थर्मल स्कैनिंग कराकर भेजा जायेगा बाबा के दर्शन लिए :
कोरोना के चलते मंदिर के तीनों प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्कैनर से होकर शिव भक्तों को गुजरना पड़ रहा है। तो वही मंदिर में प्रवेश से पहले उन्हें सैनिटाइज किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत भी मंदिर में एक बार में केवल 5 ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। लेकिन, इतने दिशा-निर्देशों मानकों के बावजूद शिव भक्तों की उत्साह में जरा-सा भी कमी देखने में नहीं मिली। हालांकि, ईश्वर सावन में शिव भक्तों को बाबा का सिर्फ झांकी दर्शन ही मिल रहा है और स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध भी लगा दिया गया है
तस्वीर छाया : एस.के.गुप्ता