UP Varanasi : श्रद्धालुओं के लिए बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के लिए बनाए गए नए नियम

KESHARI NEWS24

वाराणसी, सोमवार से सावन माह की शुरुआत हो रही है। लेकिन, कोरोनावायरस महामारी के चलते इस बार सावन माह में श्रद्धालुओं को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए कई नियमों व बंदिशों से होकर गुजरना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल तो रखना ही होगा, मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा। मंदिर के सीईओ गौरांग राठी ने बताया हर 6 घंटे के अंतराल पर मंदिर परिसर व आसपास के सभी क्षेत्रों को सैनिटाइज कराया जाएगा। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को तीन जोन से होकर गुजरना होगा। बाबा के दर्शन के लिए शहर में लगाए गए यूनीपोल पर भी इंतजाम किया जा रहा है। इसके जरिए आरती, पूजन और अभिषेक का लाइव प्रसारण होगा। 

3 जोंन में मिलेगा बाबा विश्वनाथ का दर्शन

मंदिर में प्रवेश के लिए तीन जोन बनाए गए हैं। पहला जोन मंदिर के अंदर होगा, जहां केवल पांच श्रद्धालु प्रवेश कर पाएंगे। दूसरे जोन में भक्तों की कतार के बीच छह फीट की दूरी पर रहेगी। तीसरे जोन में बैरिकेडिंग होगी, जहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो-दो मीटर की दूरी पर गोले बनाए जा रहे हैं। जगह-जगह ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजिंग और हैंडवॉश मशीनें लगाई गई हैं। केवल झांकी दर्शन ही मिलेगा। पुजारी चंदन टीका भी नहीं लगाएंगे।

बैरिकेडिंग में श्रद्धालुओं के लिए छह फीट की दूरी पर सुरक्षा घेरा भी बनेगा।

मैदागिन से गोदौलिया के बीच नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित करते हुए यातायात विभाग को इसका पालन कराने के लिए निर्देश दिया गया है। श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश के लिए तीन मार्ग रखा जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को पूजन और दर्शन में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम से जागरूकता भरे संदेश श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि, अपने जूते, चप्पल, मोबाइल या कोई कीमती सामान लेकर मंदिर में दर्शन करने न आए, ताकि दर्शन पूजन की व्यवस्था में परेशानी का सामना न करना पड़े।

बैरिकेडिंग के लिए गड्ढे खोदते मजदूर।

इस बार मंदिर परिसर के अलावा स्मार्ट सिटी के सौजन्य से शहर के 9 यूनिपोल पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन कराने की तैयारी की गयी है। मैदागिन की ओर से आने वाली दर्शनार्थियों की भीड़ पांच पांडव प्रवेश द्वार से होते हुए रानी भवानी उत्तरी से जाकर मंदिर के गर्भ गृह के पूर्वी गेट पर झांकी दर्शन करते हुए जल चढ़ा सकेंगे। वही, दशाश्वमेध घाट गोदौलिया की तरफ से आने वाले श्रद्धालु बांस फाटक ढुंढीराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए मंदिर में प्रवेश करते हुए दक्षिणी गेट पर दर्शन करेंगे और मंदिर से बाहर निकल जाएंगे। श्रद्धालुओं के लिए तीसरा रूट गेट नंबर 4 छत्ता द्वार होगा जहां से श्रद्धालु ज्ञानवापी मस्जिद के किनारे से होते हुए बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से गर्भगृह तक जाएंगे और गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर दर्शन करते हुए पुनः वापस बाहर निकल जाएंगे। आपात स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की हैं ।

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