उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का यूनिफॉर्म खादी का होगा. बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकार से मिले आदेश के बाद इसको लेकर कवायद भी तेज कर दी है.
उत्तर प्रदेश के कुल 16 विकास खंडों में इस प्रयोग को शुरू किया जा चुका है. इसके जरिए न केवल सरकारी स्कूल के बच्चों को आरामदायक वर्दी मिलेगी, बल्कि पीएम मोदी के लोकल के लिए वोकल को भी बल मिलेगा.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो विकास खंडों में इसे लेकर काम तेज हो गया है. वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि अभी प्रयोग के तौर पर चोलापुर विकास खंड में खादी ग्रामोद्योग को ड्रेस वितरण का जिम्मा दिया गया है. इसी तरह आराजीलाइन में यूपीका को दिया गया है. यह दोनों संस्थाएं अभी प्रयोग के तौर पर वाराणसी के दोनों ही विकास खंडों में खादी से निर्मित ड्रेस वितरण का कार्य करेंगी ।
वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अगर यह कार्यक्रम सफल रहा तो इसको और आगे बढ़ाया जाएगा. राकेश सिंह ने आगे बताया कि खादी के कपड़े बहुत ही आरामदायक और मजबूत होते हैं. इसके अलावा इसकी साफ-सफाई भी अन्य कपड़ों के मुकाबले आसान से होती है. साथ ही इस अनूठे प्रयोग के चलते स्थानीय स्तर पर रोजगार का भी सृजन होगा.
अधिकारी ने कहा कि स्थानीय चीजों को भी बढ़ावा मिलेगा. हमें पूरी उम्मीद है कि इन कपड़ों को पहनकर बच्चों को पहले से बेहतर और आरामदायक लगेगा. अगर यह सफल रहता है तो वाराणसी के अन्य विकास खंडों में भी खादी के बने यूनिफॉर्म को बच्चों में बांटा जाएगा और खादी को अधिक से अधिक प्रोत्साहित भी किया जाएगा.
राकेश सिंह ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अगर यह कार्यक्रम सफल रहा तो इसको और आगे बढ़ाया जाएगा. राकेश सिंह ने आगे बताया कि खादी के कपड़े बहुत ही आरामदायक और मजबूत होते हैं. इसके अलावा इसकी साफ-सफाई भी अन्य कपड़ों के मुकाबले आसान से होती है. साथ ही इस अनूठे प्रयोग के चलते स्थानीय स्तर पर रोजगार का भी सृजन होगा.
अधिकारी ने कहा कि स्थानीय चीजों को भी बढ़ावा मिलेगा. हमें पूरी उम्मीद है कि इन कपड़ों को पहनकर बच्चों को पहले से बेहतर और आरामदायक लगेगा. अगर यह सफल रहता है तो वाराणसी के अन्य विकास खंडों में भी खादी के बने यूनिफॉर्म को बच्चों में बांटा जाएगा और खादी को अधिक से अधिक प्रोत्साहित भी किया जाएगा