• केशरी न्यूज़24 May 9, 2020 •
जिलाधिकारी ने कहा कि निजी चिकित्सालय, नर्सिंग होम अपनी इकार्ई पर एक ऐसा इमरजेंसी आइसोलेशन वार्ड बना ले, जिसमें वे अपनी इकाई में आपात चिकित्सा के लिए समस्त रोगियों को यह मानते हुए एडमिट किया जाये कि वे कोविड 19 से संक्रमित हैं।
पीपीई किट पहनना होगा जरूरी
जिलाधिकारी ने कहा कि इस वार्ड में सभी स्टाफ पीपीई से रक्षित रहते हुए तथा इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए रोगियों का उपचार करें। आपात स्थिति में ऐसे रोगियों के एक ऑपरेशन थियेटर तैयार की जाए कि उसमें सभी स्टाफ पीपीई से रक्षित रहते हुए तथा इंफेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए रोगियों की शल्य क्रिया संपन्न कर सकें।
ऑपरेशन से पहले करा लें कोविड 19 टेस्ट
यदि रोगी को शल्य क्रिया 24 घंटे तक विलंबित की जा सकती है तो संबंधित रोगी के लक्षणों का विश्लेषण करते हुए आवश्यक होने पर उनकी कोविड 19 की जांच कराने के उपरांत ही शल्य क्रिया संपन्न करें।
इनके लिये ट्रिपल लेयर मास्क होगा जरूरी
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि इमरजेंसी प्रवेश द्वार पर मौजूद कर्मी ट्रिपल लेयर मास्क पहने। मरीज प्रवेश से पहले सेनिटाइज हो। स्टाफ एन 95 मास्क का उपयोग करें। चिकित्सकों व कर्मचारियों को पीपीई किट उपलब्ध कराया जाए।
कहीं हॉटस्पॉट एरिया से तो नहीं हैं मरीज या उनके परिजन
इसके अलावा प्रवेश द्वार पर सभी की स्क्रीनिंग हो। मरीजों के नाम, पते, मोबाइल नंबर आदि का पूर्ण विवरण दर्ज किया जाये। यह भी दर्ज करें की केंद्र में आऩे वाले व्यक्ति, रोगी तथा उनके सहयोगी किसी कोविड 19 हॉटस्पॉट घोषित क्षेत्र के निवासी हैं या नहीं।