उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में कोरोना वायरस महामारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही, यहां के कंटेनमेंट जोन की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में जिले में कुल 63 कंटेनमेंट जोन है। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बुधवार देर रात सोशल मीडिया पर इस बाबत सूची साझा कर जानकारी दी।
उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया कि कंटेनमेंट जोन अपडेट किया गया है। पिछले लॉकडाउन की तुलना में (इसका) आकार छोटा होगा। अधिकारी पैरामिटर और बफर जोन को परिभाषित कर रहे हैं।” कंटेनमेंट जोन को जारी की गई सूची में दो श्रेणी 'प्रथम व द्वितीय' में बांटा गया है। इसके अनुसार, प्रथम श्रेणी में 37 और द्वितीय श्रेणी में कुल 26 कंटेनमेंट जोन है। प्रथम श्रेणी का दायरा 250 मीटर, जबकि दूसरी श्रेणी वाले कंटेनमेंट जोन का दायरा 500 मीटर का होगा।
37 containment zones in Category 1 (if there is single positive case) & 26 zones in category 2 (if there are more than 1 cases). Size shall be smaller compared to previous lockdown. Officers are defining perimeter & buffer zone: Information Dept of Gautam Buddh Nagar #COVID19
वहीं, सूची के अनुसार द्वितीय श्रेणी के 26 कंटेनमेंट जोनों में, सेक्टर-30 नोएडा, एडवोकेट कॉलोनी ग्रेटर नोएडा, बिसरख गांव ग्रेटर नोएडा, स्काईटेक हाउसिंग सोसायटी सेक्टर-76 नोएडा, सेक्टर अल्फा 1 ग्रेटर नोएडा, सेक्टर-10 नोएडा, नट मढिया गांव ग्रेटर नोएडा, पारस टीएरा हाउसिंग सोसायटी सेक्टर पी 3 ग्रेटर नोएडा, सेक्टर-19 बी ब्लॉक नोएडा, सदरपुर गांव खजूर कॉलोनी सेक्टर-45 नोएडा, सेक्टर-9 नोएडा, निठारी सेक्टर-31 नोएडा, सेक्टर-8 नोएडा, ममुरा गांव, सेक्टर-66 नोएडा, मलकपुर गांव ग्रेटर नोएडा, सेक्टर-12 नोएडा, सेक्टर 63 नोएडा, सेक्टर-5 नोएडा, एडब्ल्यूएचओ हॉउसिंग सोसाइटी सेक्टर चाई 2 ग्रेटर नोएडा, नगला गांव फेस-2 नोएडा, सेक्टर-15 नोएडा, सेक्टर-27 नोएडा, सनशाइन हेलियस हॉउसिंग सोसायटी सेक्टर-78 नोएडा शामिल हैं।
गौरतलब है कि इन सभी कंटेनमेंट जोन में स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियां चल रही है। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। बता दें कि कंटेनमेंट प्रथम श्रेणी जोन वह होता है, जहां कोविड-19 संक्रमण का एक मामला आया हो। यहां मरीज के घर को संक्रमण का केंद्र मानकर 250 मीटर के दायरे में बचाव एवं राहत अभियान चलाया जाता है। वहीं, इसके विपरीत द्वितीय श्रेणी में एक से अधिक मामले वाले आवासीय क्षेत्र को रखा जाता है। यहां कोविड-19 वायरस से संक्रमित हुए व्यक्तियों के घरों को केंद्र मानकर यह दायरा आधा (500) किलोमीटर का होता है।