काशी-मथुरा जैसे विवादों पर मुस्लिम पक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट की ओर रू़ख किया

Pawan Ray /KESHARI NEWS24


सुप्रीम कोर्ट में काशी-मथुरा जैसे विवादों पर कानून को चुनौती देने के मामले में मुस्लिम पक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।


 अर्जी में उसने हिंदू पुजारियों के संगठन की याचिका का विरोध किया है और कहा है कि अदालत इस याचिका पर नोटिस जारी ना करे। मामले में नोटिस जारी करने से खासतौर से अयोध्या विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों के मन में अपने पूजा स्थलों के संबंध में भय पैदा होगा। साथ ही, अर्जी में इस मामले में उसे भी पक्षकार बनाने की मांग की है।

गौरतलब है विश्व भद्र पुरोहित संघ ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून, 1991 की वैधता को चुनौती दी है। इस कानून में प्रावधान है कि 15 अगस्त 1947 को जो भी पूजा स्थल जिस समुदाय के पास था, उसके पास ही रहेगा। इसके बारे में कोई विवाद कोर्ट में नहीं उठाया जा सकेगा।



पुजारियों ने याचिका में कहा है ये कानून उनके बर्बर हिंसात्मक तरीके से अतिक्रमण किए गए पूजा स्थलों को मुक्त कराने से रोकता है जिसे संवैधानिक नहीं कहा जा सकता। उसे अवैध घोषित किया जाए। अयोध्या मामले पर ये कानून लागू नहीं था क्योंकि ये मुकदमा सौ साल से ज्यादा समय से चल रहा था।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि अयोध्या मामले के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस एक्ट पर सिर्फ टिप्पणी की थी। इस एक्ट को ना तो भी कोई चुनौती दी गई है और ना ही किसी न्यायिक तरीके से इस पर विचार किया गया है। 

वहीं, जानकारों को कहना है कि वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में ज्ञानवापी मस्जिद द्वारा आंशिक रूप से अतिक्रमण किया गया है। इस स्थान पर स्थित मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करके औरंगजेब द्वारा 1669 में मस्जिद का निर्माण किया गया था। 

सुप्रीम को राम मंदिर फैसले में क्या कहा था?


सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले साल नौ नवंबर को राम मंदिर मामले में दिए फैसले में देश के तमाम विवादित धर्मस्थलों पर भी अपना रुख स्पष्ट किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में 11 जुलाई, 1991 को लागू हुए प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप (स्पेशल प्रोविज़न) एक्ट 1991 का जिक्र भी किया था। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट कर दिया था कि काशी और मथुरा में जो मौजूदा स्थिति है वो बनी रहेगी और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। 

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