Varanasi : काशी के कोतवाल के दरबार में होगा कोरोना का इलाज , श्रद्धालुओं को मिलेगा कोरोना नाशक तेल

•ए. के. केशरी  •

वाराणसी में स्थित प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में अब कोरोनोवायरस का इलाज किया जाएगा। काल भैरव मंदिर को काशी के कोतवाल के रूप में जाना जाता है। 

ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि भगवान काल भैरव को खुद महादेव शिव ने काशी में नियुक्त किया था। 


काशी में रहने के लिए हर व्यक्ति को काल भैरव की अनुमति लेनी होती है। कहा जाता है कि काल भैरव के बिना भगवान शिव के दर्शन अधूरे हैं। काल भैरव मंदिर के दरवाजे सोमवार को जब फिर से खुलेंगे, तो वहां भक्तों के लिए 'कोरोना नाशक तेल' के पैकेट उपलब्ध होंगे।



मान्यता है कि अगर कोई भक्त सरसों का तेल लेकर उसे सात बार अपने सिर के चारों ओर घुमाकर मंदिर में चढ़ा देता है, तो उसकी सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। 


मंदिर के पुजारी महंत सुमित उपाध्याय ने कहा, “काल भैरव ने सदियों से लोगों की सभी बीमारियों और समस्याओं को ठीक किया है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि कोरोना ठीक न हो। कोरोना नाशक तेल वास्तव में सरसों का तेल है जिसे घातक वायरस को नष्ट करने की प्रार्थना के साथ मंदिर में चढ़ाया जाएगा।”


उन्होंने कहा कि काशी के कोतवाल में लोगों का विश्वास इतना दृढ़ है कि काशी आने वाला हर नेता या नौकरशाह कोई भी काम करने से पहले मंदिर जाता है। वाराणसी के कोतवाली में थाना प्रभारी की कुर्सी पर भगवान काल भैरव विराजमान रहते हैं।


 यह परंपरा इतनी गहरे तक समाई हुई है कि कोई भी एसएचओ थाने के शीर्ष पद के लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठने की हिम्मत नहीं करता। यह पुलिस स्टेशन काल भैरव मंदिर के ठीक पीछे स्थित है। यह परंपरा है कि वाराणासी आने वाला हर वरिष्ठ अधिकारी शहर में अपना कार्यभार संभालने से पहले काल भैरव के दरबार में मत्था टेकता है।


 महंत ने कहा कि मंदिर को सैनिटाइज कर दिया गया है और यह सोमवार से भक्तों के लिए खुलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टैंसिंग के सुरक्षा प्रोटोकाल का जिला प्रशासन के निदेर्शानुसार पालन किया जाएगा।

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