कानपुर पुलिस हत्याकांड का मुख्य अरोपी विकास दुबे का ATM मैन जय बाजपेयी , साथी डब्बू भी गिरफ्तार

कानपुर पुलिस हत्याकांड का मुख्य अरोपी विकास दुबे भालें ही दूनिया में नहीं हो , लेकिन उसके गैंग के लोगों में विकास दुबे का ATM मैन जय बाजपेयी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही थी और दिन में ही छोड़ा गया था लेकिन रात को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जय बाजपेयी का साथी डब्बू भी धरा गया गया है। 
 स्मरण कराये कि दोनों घटना के दिन 2 जुलाई को शाम को बिकरू गांव गए थे। विकास को पैसे, असलाह और भागने के लिए गाड़ी मुहैया करवाई। जय  फोन अपने घर पर ही रखकर गया था ताकि ट्रेस न हो पाए। 
विकास दुबे की पत्नी और बेटे को फरार कराने में कारोबारी जय बाजपेई की भूमिका सामने आ रही है। आशंका है कि जय ने गाड़ी उपलब्ध करवाकर दोनों को लखनऊ से चंदौली पहुंचाया।
 एसटीएफ की पूछताछ में इस संबंध में अहम जानकारी व साक्ष्य मिले हैं। एसटीएफ की चार दिन से पूछताछ जारी है। विकास को असलहा मुहैया कराने में भी कारोबारी की संलिप्तता सामने आ रही है।  शनिवार रात जय की तीन लग्जरी कारें लावारिस हालत में विजय नगर चौराहे के पास खड़ी मिली थीं। रविवार सुबह पुलिस गाड़ियां थाने ले आई थी और फिर जय को पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस के बाद एसटीएफ ने उससे पूछताछ शुरू की है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक विकास ने एनकाउंटर से पहले जय से फोन पर बातचीत की थी। इसमें विकास ने उसे बताया था कि कोई बड़ी घटना होने वाली है। वो लखनऊ में रहने वाली उसकी पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को सुरक्षित जगह पहुंचवा दे। आशंका है कि विकास के बताए ठिकाने पर उसकी पत्नी और बेटे को पहुंचाया, इसके बाद लौट आया। अब एसटीएफ यह गुत्थी सुलझाने में लगी है कि आखिर कारें लावारिस हालत में बगैर नंबर के क्यों खड़ी की गईं।
पूछताछ में एक तथ्य ये भी सामने आया है कि विकास शिवली से बाइक से कानपुर की तरफ आया। यहां पर जय ने उसके लिए गाड़ी का इंतजाम कर दिया था। बाइक ठिकाने लगाकर कार से वह रवाना हो गया। यह भी हो सकता है कि जय ने किसी करीबी से उसे लखनऊ या आगे तक पहुंचवाया। पूछताछ पूरी होने के बाद ही ये तथ्य स्पष्ट हो सकेगा।
पुलिस ने जय के घरों में मंगलवार को छापा मारा। परिजनों से पूछताछ की। इस दौरान कुछ खास रकम, जेवरात या असलह नहीं मिला। सूत्रों के मुताबिक वारदात के एक-दो दिन पहले ही जय ने घरों में रखी करोड़ों की नकदी, जेवरात और असलहे ठिकाने लगा दिए। असलहे ठिकाने लगाए या फिर विकास दुबे को दिए इसकी जांच की जा रही है।

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