उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोविंद वल्लभ शर्मा ने गैंगरेप के मामले में दो आरोपी महमूद उर्फ जुम्मन बाबा और परवेज परवाज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
साथ ही 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 65 साल के परवेज और जुम्मन ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा देने की अपील की, लेकिन अदालत ने खारिज कर दिया।
परवेज परवाज ने साल 2007 में कथित भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज कराया था। दोनों आरोपी बीते दो साल से जेल में बंद थे।
जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि, साल 2028 में एक महिला ने थाना राजघाट में जुम्मन बाबा और परवेज के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। उसने तहरीर में लिखा था कि ‘वह अपने पति से अलग रहती है। वह झाड़-फूंक के लिए मगहर मजार जाती थी। जहां उसे महमूद उर्फ जुम्मन बाबा मिले। उन्होंने कई दरगाहों पर झाड़ फूंक की। जिससे मुझे राहत मिली। तीन जून 2018 को उन्होंने रात 10.30 बजे पांडेयहाता के पास दुआ करने के बहाने बुलाया और एक सुनसान स्थान पर ले गए। वहां उन्होंने और उनके साथ मौजूद एक शख्स ने बलात्कार किया। उस शख्स को जुम्मन, परवेज भाई बोल रहे थे। घटना के बाद मोबाइल से 100 नंबर पर फोन किया। तब पुलिस आई और हमें साथ ले गई।
पहली विवेचना में बनवाई गई थी क्लीनचिट
इस मामले की विवेचना राजघाट के एसओ ने की और घटना को फर्जी बताते हुए अदालत को अपनी रिपोर्ट भी भेज दी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि महिला ने जहां घटना स्थल बताया है, वह काफी भीड़भाड़ वाली जगह है। घटना के समय भी वहां काफी भीड़ थी। दोनों आरोपियों का लोकेशन घटना स्थल से काफी दूर है और इसके साक्ष्य भी हैं। तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने इस मामले की फिर से विवेचना का दायित्व महिला थाने की निरीक्षक डा. शालिनी सिंह को सौंप दिया। महिला थाने की निरीक्षक ने पूर्व विवेचकों पर धारा 161 व 164 के बयान व मेडिकल रिपोर्ट का सही परीक्षण न कर सतही तौर पर जुर्म खारिज करने की आख्या दी। उनकी आख्या (12 अगस्त 2018) पर एसएसपी शलभ माथुर ने 18 अगस्त 2018 को पूर्व विवेचक की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर महिला थाने की प्रभारी को फिर से जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई थी।
दोषियों के वकील ने कहा- आगे अपील करेंगे
परवेज परवाज की ओर से अधिवक्ता मिफ्ताहुल इस्लाम ने कहा कि फैसला पहले से जो तय था आजीवन होना है, हो गया। 4 जुलाई को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसके बाद आज सुनवाई के बाद फैसला सुनाकर दोषी करार दे दिया गया। हम आगे अपील करेंगे।