KESHARI NEWS24 • Abhishek Gupta
उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात एक बजे दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि पुलिस बिठूर थाना इलाके के एक गांव में हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी, लेकिन उसकी गैंग ने पुलिस पर घात लगाकर हमला किया और विकास दुबे फरार हो गया। बदमाश पुलिस के कई हथियार भी लूट ले गए।
डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
ये पुलिसकर्मी शहीद हुए,
डीएसपी बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, 3 सब इंस्पेक्टर, 4 सिपाही शहीद हुए। इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 6 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इनका इलाज रीजेंसी हॉस्पिटल में चल रहा है।शहीद पुलिसकर्मियों में सीओ देवेंद्र मिश्रा, एसआई अनूप कुमार सिंह, एसआई नेवूलाल, एसओ महेश चंद्र यादव, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू शामिल हैं।
विकास दुबे का अपराधिक विवरण :
विकास दुबे उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश है। उसने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। जिसके कारण अपराधिक मामले को अंजाम देता था ।