उत्तर प्रदेश में एक और शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ हो रहा है. अनामिका
शुक्ला की तरह ही अब अमरोहा में भी हरप्रसाद नाम का एक फर्जी शिक्षक मिला है जो
एक साथ तीन जिलों में नौकरी कर सरकार को चूना लगा रहा था और सभी जगह से वेतन
वसूल रहा था. हैरानी बात ये है कि आज से पहले किसी को इस घोटाले की भनक तक नहीं
लगी थी.
दरअसल, अनामिका शुक्ला के खुलासे के बाद सरकारी महकमों में जांच शुरू हो
गई थी.
इसी जांच में हरप्रसाद की पोल भी खोल दी है. अधिकारियों ने बताया कि
जांच में उसकी 3 नौकरियों का खुलासा हुआ जिसके बाद अमरोहा जिले के बेसिक शिक्षा
विभाग की ओर से इस नटवरलाल शिक्षक के खिलाफ नौगामा सदर थाने में तहरीर देकर
मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही आज तक सरकार को चूना
लगाकर वसूला गया वेतन की रिकवरी के लिए भी सरकार ने आदेश जारी कर दिए
हैं.
स्मरण दिला दें कि हरप्रसाद अमरोहा ब्लाक क्षेत्र के गांव अदलपुर में बने
प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक है. जांच में इसके सभी दस्तावेज
फर्जी पाए गए हैं. साथ जांच करने आई टीम को ये भी पता चला है कि ये अमरोहा के
आदमपुर गांव में भी प्रधानाध्यापक के पद संभाल रहा है. वहीं सम्भल में लेखपाल
के पद पर नौकरी कर रहा है और बदायूं जनपद के गांव रैपुरा के प्राथमिक विद्यालय
में भी अध्यापक के पद पर तैनाती पा ली थी.
तीनों जगह नौकरी करने वाले हर प्रसाद के शैक्षिक प्रमाणपत्र एक ही हैं.
शिकायत सुनकर अमरोहा जनपद के बीएसए गौतम प्रसाद का भी माथा ठनक गया, उन्होंने
आरोपित हेडमास्टर को तलब किया और हर प्रसाद के खिलाफ जांच के लिए अमरोहा के खंड
शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार को आदेश दे दिए.
अमरोहा के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो हरप्रसाद बिजनौर जिले के
नूरपुर का रहने वाला है. उसने 1985 में राजकीय दीक्षा विद्यालय बुढ़नपुर
मुरादाबाद से दो वर्षीय बीटीसी का डिप्लोमा कर रखा है.
इसके आधार पर तीनों जगह एक ही नाम पर नौकरी कर रहा है. उन्होंने बताया
कि उक्त शख्स अमरोहा के विद्यालय में 17 साल से नौकरी कर रहा है. इससे विभाग को
अब तक लगभग 80 लाख रुपये का चूना लगा चुका है ।