मुंबई. एक्ट्रेस स्वरा भास्कर हाल ही में अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'रसभरी' में नजर आईं हैं और इसे लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। हाल में उन्होंने इस वेब सीरीज में अपने रोल, सुशांत आत्महत्या मामले और नेपोटिज्म जैसे कई विषयों पर खुलकर बात की। साथ ही अपने किरदार से जुड़े कुछ रोचक किस्से भी साझा किए।
'रसभरी' में निभाए अपने दो किरदारों के बारे में बताते हुए स्वरा ने कहा, 'इस वेब सीरीज मैंने दो किरदार निभाए हैं जहां एक किरदार इंग्लिश स्कूल टीचर का है, वहीं दूसरा एक ऐसी आउट ऑफ कंट्रोल महिला का है, जिसका नाम 'रसभरी' है और जिसे खुद भी नहीं पता कि वह क्या और क्यों करती है।'
'इन दोनों किरदारों में जो स्विच था वह बहुत ही इंटरेस्टिंग था। जहां एक तरफ शानू सीधी-साधी दिखाई दी, वहीं दूसरी तरफ 'रसभरी' के किरदार को ऐसे निभाना था जो वल्गर ना लगे। साथ ही इस सीरीज में एक टीचर और एक स्टूडेंट के उस पवित्र रिश्ते को भी दिखाया गया है जहां रिस्पेक्ट है, केयर है और अंडरस्टैंडिंग है।'
आपको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है?
स्वरा- 'मुझे लगता है कि मैं उन्हीं किरदारों को निभाती हूं जो शायद और कोई ना करना चाहे। 'रसभरी' नाम का जो मेरा किरदार है, वो एक तो बहुत बेबाक है और दूसरा जो हमारे समाज हमारे देश की मानसिकता है उससे काफी हटकर है। मुझे हमेशा से पता था कि इस किरदार को करने के बाद मुझे सोशल मीडिया पर बहुत ट्रोल किया जाएगा।
'मेरी फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' के समय भी मेरे एक सीन को लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था। इस सीरीज के डायरेक्टर ने इस बात का ख्याल रखा कि स्क्रिप्ट इस तरह से हो कि यह पूरी कहानी दर्शकों को वल्गर ना लगे।'
सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर प्रश्न पर क्या स्वरा भास्कर का जवाब?
स्वरा- 'सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत बेहद ही दुखद है। मुझे लगता है कि एक कलाकार होने के नाते सुशांत को एक बहुत लंबा सफर तय करना था क्योंकि वे बहुत प्रतिभावान थे। बहुत दुख होता है जब एक ऐसा व्यक्ति जो हर पैमाने पर सक्सेसफुल है इतनी जल्दी गुजर जाए।'
'मुझे बहुत धक्का लगा सुशांत सिंह की मौत की खबर सुनकर क्योंकि मैं उनकी कहानी से बहुत रिलेट कर सकती हूं। मैं भी एक आउटसाइडर हूं, अकेली रहती हूं। लेकिन उनकी मौत से दरअसल इस चकाचौंध वाली दुनिया से पर्दा हट गया है।'
'आप चाहे बहुत सक्सेसफुल हों, 200 करोड़ की फिल्म करके बैठे हों, आपने पैसे भी बना लिए हों, आप लोगों के आइडल भी हो और अपना मुकाम बना चुके हों। बाहरी रूप से देखा जाए तो आप सफलता की टेक्स्ट बुक हैं लेकिन फिर भी डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी पकड़ सकती है।'
'मुझे लगता है कि सुशांत ने एक पर्दाफाश किया है हमारे समाज का और हमारी मानसिकता का, क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि हमारे दिल की गहराइयों में कैसी और क्या बातें छुपी हुई हैं। जिसे हम कभी टटोल कर नहीं देखते और जिसके बारे में कभी बात भी नहीं की जाती। लेकिन डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है, क्योंकि डिप्रेशन पैसा देखकर नहीं आता, आपका ओहदा देखकर नहीं आता।'
'मैं बस यही कहना चाहूंगी कि सुशांत सिंह राजपूत को हमने दो बार मारा है। जिस तरीके से उनकी मौत के बाद लोगों ने अपने पर्सनल एजेंडा निकाले और तू-तू मैं-मैं शुरू कर दी, यह वक्त नहीं था यह सब करने का। मेरे ख्याल से यह वक्त था सुशांत को याद करने का, सुशांत को सेलिब्रेट करने का और हमने इस शोरगुल में वो मौका खो दिया है।'